तय तो था गले मिलना मेरी ईदी में
जालिमों ने सिर कलम करना सीख डाला
जालिमों ने सिर कलम करना सीख डाला
हसीनाओं का चिलमन था ये काला नक़ाब
सिरफिरो ने इसे दहशत का निशान बना डाला
सिरफिरो ने इसे दहशत का निशान बना डाला
सहमा सा बैठा हूँ मैं , खुद ही हैरान हूँ
जेहादियो की बदौलत पूरी कौम में बदनाम हूँ
जेहादियो की बदौलत पूरी कौम में बदनाम हूँ
मेरी बढ़ी हुई दाढ़ी में, सब ख़तरा देखते हैं
कतराते है सफर में , बरबस नजर फेर लेते हैं
कतराते है सफर में , बरबस नजर फेर लेते हैं
किस किस को समझाऊ, कितना घुटता हूं मैं
क्यों कसूरवार हूँ मैं, क्योंकी मुसलमान हूँ मैं ?
क्यों कसूरवार हूँ मैं, क्योंकी मुसलमान हूँ मैं ?
बखूबी जानता हूँ मेरे मुल्क की सियासत को
सेक्युलर हिंदुस्तान के शातिर रहनुमाओं को
सेक्युलर हिंदुस्तान के शातिर रहनुमाओं को
छोड़ो ! ना समझोगे तुम, ना बता पाउँगा मैं
ज़बा खोली तो खामखाँ गद्दार कहलाऊंगा मैं
ज़बा खोली तो खामखाँ गद्दार कहलाऊंगा मैं
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