Monday, December 18, 2017

तारीफ़



तारीफ़ ! सुना है ‘टॉनिक ‘ है
जी भर के पिलाओ औरो को

फायदे:-
ऊर्जा का संचार तुरत होता
बोझिल मन फ़ौरन खिल उठता

मुस्कान शर्तिया आती है
मिसरी तन में घुल जाती है

जादू सा कोई चढ़ता है
हौसला रगो में बढ़ता है

गुस्सा छू मंतर हो जाता है
और प्रेम पनपने लगता है

प्रयोग विधि:-

हर शख्स समेटे बैठा है
इक ‘हुनर’ लपेटे बैठा है

बस अपना चश्मा साफ़ करो
उसका वो हुनर तलाश करो

मिल जाएँगी तमाम खूबी
बेझिझक उसे रूबरू करो

चेतावनी:-

पर, सजग  रहो चटुकारो से
अवसरवादी, नक्कालों से.

*Expiry:-पूरी शीशी एक ही शख्स को, एक ही बार देने पर !



 -नलिनी ( 14 December 11:30 pm )




Thursday, December 14, 2017

गोपाल दास 'नीरज'








आत्मा के सौन्दर्य का, शब्द रूप है काव्य
मानव होना भाग्य है, कवि होना सौभाग्य। 

अन्तिम घर संसार में, है सबका शमशान
फिर इस माटी महल पर, क्यों इतना अभिमान।

- गोपाल दास 'नीरज'

Monday, December 11, 2017

हमनवा















वो हमनवा,  हक़ीक़त औ' हसरत की शाम 
दीदार-ए-महबूब औ' वो बरसती हुई शाम 

वो सफर, सराबोर-राहें औ' सरदी की शाम 
कैद-ए-इश्क़ में गिरफ्त, वो आज़ादी की शाम 

वो रफ़्तार, राज़दार औ' रहबरी  की शाम  
नीम-ए-वक़्त  औ' वो  फिसलती हुई शाम 

वो पडाव,  पहलू   औ'   पसोपेशी की शाम 
गुज़ारिश-ए-गोशा औ' वो महकती  हुई शाम 

वो महफ़िल,  मैकदा  औ'  मदहोशी की शाम 
खुमार-ए-हालत और  वो थिरकती हुई शाम

-नलिनी 
11 Dec 2017, Amsterdam