Friday, November 20, 2015

खुशकिस्मत



कविता लिखना भी, इज़हारे इश्क़ होता है 
कातिब-ए-यार हो जिनका, वो बहुत खुशनसीब होता है

2 comments:

  1. ख़ुशनसीबों की फ़ेहरिस्त में तो यों, हम भी शुमार हो गए;
    कलाम सुनाने के लायक समझा, और हम निसार हो गए।
    Nice posts, and waiting for many more!

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  2. Thank you so much for your inspiring comments.

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